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वास्तु शास्त्र और भूजल

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हस्तरेखा तथा आपका वैवाहिक जीवन

हाथ की रेखाओं के माध्यम से घटनाओं की पूर्ण जानकारी दी जा सकती है विवाह किसी भी व्यक्ति की जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना में से एक है अतः हाथ की रेखाओं के आधार पर कई वर्षों पूर्व ही विवाह के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है बुध पर्वत पर मौजूद कुछ चिन्ह विवाह से संबंधित होते हैं और सच्चाई यह भी है कि कनिष्का उंगली के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं सिर्फ हमारे जीवन पर पढ़ने वाले विभिन्न व्यक्तियों की प्रभाव का विवरण देती है वास्तविक विवाह रेखा हृदय रेखा की अंत तथा हथेली की चौथी उंगली जिसे कनिष्का कहते हैं इसी के बीच में स्थित होती है आज हम बात करते हैं विवाह रेखा के नियम फल जानने का प्रयास में कानपुर से पंडित दीपक पांडे

सीधी तथा स्पष्ट विवाह रेखा सुखी वैवाहिक जीवन का संकेत करती है

विवाह रेखा हथेली पर नीचे की ओर मुड़ गई हो तो उसे जीवनसाथी की मृत्यु का संकेत मिलता है

जब विवाह रेखा कांटों की तरह विभाजित होकर नीचे अंगूठे की जड़ को पार कर गई हो तो ऐसी रेखा वाले व्यक्तियों के तलाक का संकेत मिलता है

जब आपके विवाह रेखा हथेली में अंदर की ओर कते की तरह विभाजित हो गई हो तो यह लगाओ का संकेत करती है तू यह अलगाव की ओर संकेत करती है यदि ऐसी रेखा तलाक का सूचक नहीं है लेकिन असंतुष्ट विवाह का संकेत जरूर देती है और जब यह रेखा कांटेदार हो जाए तो हथेली में बाहर की ओर स्थित हो तो विवाह से पूरी मुसीबूटी देरी तथा अलगाव का सामना करना पड़ता है

जब विवाह रेखा नीचे की और सफलता रेखा को काटती है तो विवाह के बाद ऐसी रेखा वाले व्यक्ति की हैसियत तथा समृद्धि समाप्त हो जाती है

जब विवाह रेखा एक कांटे के रूप में समाप्त होती है तो उसके साथी एक रेखा हृदय से जुड़कर नीचे की ओर चली गई हो तो वह अत्यंत दुखद वैवाहिक संबंधों की ओर संकेत करती है और ऐसा व्यक्ति उसे व्यक्ति के आशाए स्वभाव के कारण होता है जिसकी हाथ में यह रेखा होती है और ऐसी रेखा वालों के हाथ में समूह है कि तलाक अथवा अलगाव नहीं हो लेकिन इसमें विवाह की खतरनाक अंत का खतरा मौजूद रहता है मेरी अनुभव के अनुसार ऐसे मामलों में व्यक्ति न्यायालय में जाता है और हिंसा के द्वारा भी हो जाती है

जब विवाह रेखा हथेली में कोई दीप बनती है तो नीचे लटकानदार मूड हो तो इसमें किसी दीर्घकालिक दुख जैसे बीमारी भयानक दुर्भाग्य अथवा वैवाहिक साथी की मृत्यु का संकेत मिलता है यह पति अथवा पत्नी की दुर्भाग्य का अचूक लक्षण है

यदि एक महीने का ऊपर की ओर निकालकर अनामिका उंगली के नीचे सफलता रेखा में मिलती हुई दिखाई दे तो ऐसे व्यक्ति के लिए विवाह सफलता और समृद्धि लाता है

जब विवाह रेखा एक दीप के साथ शुरू होती है तो यह विवाह में प्रलोभन तथा वैवाहिक कठिनाइयों का संकेत देती है लेकिन जब यह रेखा स्पष्ट तथा सीधी निकल जाए तो अंत में सब कुछ ठीक-ठाक हो जाता है

जब विवाह रेखा बहुत छोटी हो और अंत में ऊपर की ओर मुड़ गई हो तो ऐसे व्यक्ति का विवाह नहीं होता है

जब शुक्र की मेखला टूटी-फूटी हो अथवा छोटे टुकड़ों में बाटी हो तो उसका अर्थ है उपरोक्त स्वभाव के अलावा व्यक्ति उन्नति प्रकृति का होगा जब सूत्र में कल हथेली के कोने में स्थित हो तथा विवाह रेखा के पार चली गई हो तो ऐसे व्यक्ति मोदी होते हैं और ऐसे व्यक्तियों के साथ रहना अत्यंत कठिन होता है उनकी मंडी और परिवर्तनशील प्रकृति के कारण उनका विवाह एक दुखद अनुभव साबित होता है कुछ जानकारी कानपुर की पंडित दीपक पांडे ने दी

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