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संपादक जी
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धैर्य लक्ष्मी योग में महालक्ष्मी बरसने को तैयार
महोदय
श्री शुभ संवत 2081 शाके 1946 कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को दीपावली है चतुर्दशी सूर्योदय से 3:54 दोपहर तक तत्पश्चात अमावस्या तिथि होगी चित्रा नक्षत्र सूर्योदय से लेकर की7 :43तक व्याप्त रहेगा तत्पश्चात स्वाति नक्षत्र सूर्योदय काल से लेकर के11घंटे 10 मिनट तक प्रीति योग रहेगा तत्पश्चात आयुष्मान गुरुवार की शुभ संयोग से धन लक्ष्मी योग बन रहा है इस वर्ष महालक्ष्मी की असीम कृपा भक्तों पर बरसेगी इस बार मां लक्ष्मी का पूजन 28 गुना अतिरिक्त फायदेमंद होगा अतः भक्तजन गणपति लक्ष्मी कुबेर सरस्वती पूजा के लिए आतुर हैं उक्त बात भारत के पंडित दीपक पांडे ने कही
दीपावली को वेदों और शास्त्रों महानिशा कॉल की रात्रि कहां गया है वैदिक काल में इस रात्रि को महालक्ष्मी महाकाली के पूजन का महत्व बताया गया है भगवान राम के अयोध्या आगमन के बाद लक्ष्मी और विष्णु के पूजन का प्रचलन हुआ लक्ष्मी पूजन करने का रहस्य है गणेश जी बुद्धि के दाता हैं और लक्ष्मी जी धन वाहक है शास्त्रों में कहा जाता है कि आपके जीवन में तीन बुद्धि ज्ञान और धन तीनों की आवश्यकता है गणेश जी की पत्नियों रिद्धि सिद्धि के पूजन का महत्व है लक्ष्मी जी का पूजन स्थिर लग्न में किया जाना आवश्यक है लक्ष्मी पूजन के लिए व्रत और सिंह लग्न अधिक लाभप्रद है महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं
दिवाली पूजन मुहूर्त. वृष लग्न 6 घंटे 6 मिनट से 8:2 तक , सिंह लग्न 12 घंटे 35 मिनट से 2:49 तक, महान शीतकाल रात्रि 11:15 से रात्रि 12:6 तक , प्रदोष काल 5:18 से 7:52 तक , सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 6 :7 से 7:52 तक
अतः इस संयुक्त मेला में अपने कुल परंपरा के अनुसार श्री महालक्ष्मी महागणपति श्री कुबेर श्री महाकाली एवं खाता का पूजन शुभ मंगलमय होगा
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